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  • av Surya Sinha
    182

  • av Renu Saran
    210

    महान दार्शनिक एलेक्स स्मिथ ने कहा था, ''विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने मानव सभ्यता को निरंतर विकसित किया है।'' व्यक्तित्व, रुचि, प्रशिक्षण तथा कार्यात्मक क्रियाकलापों की दृष्टि से अनुप्रयुक्त अर्थात् व्यावहारिक गणितज्ञों तथा सैद्धांतिक भौतिकवादों में बहुत थोड़ा अंतर होता है। वैज्ञानिक हमेशा यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि दुनिया ऐसी क्यों है जैसी कि हमें दिखाई देती है, यह कैसे हुआ, क्यों हुआ, किस प्रकार होगा। वैज्ञानिक कई तरीकों से अभिप्रेरित हो सकते हैं। वे हमेशा सच्चाई को जानने के लिए अत्यंत उत्सुक व जिज्ञासु होते हैं। उनका वैज्ञानिक ज्ञान लोगों के स्वास्थ्य, विश्व, प्रकृति, राष्ट्रों तथा उद्योगों की उन्नति में उपयोग करने की इच्छा से प्रकट होती है।''विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक'' में विश्व के उन प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के विषय में संक्षिप्त, किन्तु बोधगम्य विवरण देने का पूरा प्रयास किया गया है, जिन्होंने अपने कार्यों, खोजों, आविष्कारों व प्रयासों से विश्व के चहुंमुखी विकास में और मानवीय सभ्यता की उत्तरोत्तर प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दिया है।

  • av Surya Sinha
    168

  • av Surya Sinha
    182

  • av Sadhuna
    168

    भारत के सबसे लोकप्रिय व्यक्तित्व भगवान कृष्ण हैं। हजारों साल गुजर चुके हैं, लेकिन लोगों की रुचि उनमें बनी हुई है। आज भी, वे कवियों की प्रेरणा हैं। उनका जीवन विविधताओं से भरा है, यह अत्यंत उच्च स्तर के मैनेजमेन्ट के बिना असंभव था। बात चाहे ब्रह्मांड के सर्जक की हो या अद्भुत क्षमता वाले इंसान की, मैनेजमेन्ट की जरूरत दोनों ही जगह थी। भारत में ज्यादातर लोग कृष्ण को सर्वशक्तिमान ईश्वर का अवतार मानते हैं। कुछ इन्हें सर्वाधिक विकसित आत्मा मानते हैं। अलग-अलग लोगों के विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इतना तो निश्चित है कि सभी इन्हें असाधारण मानते हैं। यही वजह है कि उनके जीवन को नजदीक से जानने की उत्सुकता अभी भी बनी हुई है।आप चाहे प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े हों या किसी और से, भगवान कृष्ण के जीवन पर एक सरसरी निगाह डालने की जरूरत तो है ही। उनके जीवन के कुछ हिस्सों से जब हम गुजरते हैं तो हमें अहसास होता है कि उनमें प्रबंधन की अद्भुत क्षमता रही होगी। यह किताब कृष्ण के जीवन में प्रबंधन दक्षता को सामने लाने की ईमानदार कोशिश है। मैं उम्मीद करता हूं कि इससे साधारण आदमी को एक नई दिशा मिलेगी। यह आत्मा को भी शांति देने में सहायक होगी। निस्संदेह इसके कुछ तथ्य विशेषज्ञों के लिए भी लाभकारी होंगे।

  • av Rajshekhar Mishra
    154

    राजशेखर मिश्र पिछले 23 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। दैनिक जागरण, रविवार, संडे ऑबजर्वर, स्वतंत्र भारत और मशहूर टीवी कार्यक्रम रू-ब-रू से संबद्ध रहे श्री मिश्र इस समय अमर उजाला में सहायक संपादक हैं और खेल पृष्ठों के प्रभारी भी। वैसे श्री मिश्र अब तक खेल तथा अन्य विषयों पर एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। प्रस्तुत पुस्तक संपादन के क्षेत्र में कार्य कर रहे संपादकों, सह-संपादकों, उप-संपादकों और प्रूफ-रीडरों के लिए उपयोगी है तथा समाचार पत्रों व पुस्तक प्रकाशन के संपादन में कैरियर बनाने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। निश्चय ही यह पुस्तक संपादन क्षेत्र की मार्गदर्शिका है।

  • av Dale Carnegie
    224,-

  • av Mukhtar Abbas Naqvi
    144,-

  • av Dr Joseph Murphy
    224,-

  • av Dr Joseph Murphy
    224,-

  • av M. M. Chandra
    168

    A thinker and social activist, M.M. Chandra took to fiction writing a few years ago, with the first novel coming out in 2016. This was followed by two novels in quick succession in 2018 and early 2019. He has plans to continue what he calls a series of fiction that grows and develops as he proceeds with the creative project. The promise M.M. Chandra has shown is sure to crystallize in a meaningful manner in the days to come.Anand Prakash taught English literature in Delhi University till retirement in 2007. He has written books on literary theory and cultural as well as philosophical trends. His book on poet Muktibodh (written jointly with Richa Bajaj) titled Muktibodh in our time was published in 2012.

  • av Rakesh Kumar Arya
    154

  • - Tale of Love & Dreams
    av Anju Sharma
    142

  • av Arifa Avis
    154

  • av Devendra Arya
    168

  • av Shivani Arora
    166

  • av Sangeeta Jha
    154

  • av Vivek Mishra
    182

  • av Rakesh Sood
    154

  • av Munshi Premchand
    157

  • av Biswaroop Roy Chowdhury
    166

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