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"When London Burned" is a gripping historical novel written by G. A. Henty that transports readers to the dramatic events of the Great Fire of London in 1666. The story unfolds against the backdrop of a city engulfed in chaos and destruction. The book follows the experiences of Ralph, a young protagonist caught in the midst of a devastating fire. As the flames ravage the city, Ralph finds himself facing perilous situations, witnessing the destruction of iconic landmarks, and navigating the chaos alongside his family and friends. The author's meticulous research and attention to historical detail bring the Great Fire of London to life, vividly portraying the terror and despair that engulfed the city. The novel not only showcases the physical destruction but also delves into the resilience and determination of the Londoners as they rebuild their lives and their city from the ashes. The immersive storytelling of Sir Henty transports readers to a pivotal moment in London's history, providing valuable insights into the impact of a catastrophic event and the strength of the human spirit in the face of adversity.
Stoning the Devil is a timely and comprehensive publication that explains the current armed conflict in Sudan and Africa by critically investigating the socioeconomic, sociopolitical, and sociocultural undercurrents that ignite the war.
अकथ कहानी ग्रोथ की 1. ग्रोथ की सोन चिडि़या 17 2. ये ग्रोथ किसने मारी? 21 3. इक्यानबे का प्रेत 25 4. संकटों का पावर हाउस 28 5. रुपए के मुजरिम 32 6. दोहरी मंदी की दस्तक 36 7. इंक्लूसिव बोझ 40 8. जीत की हार 44 9. सुधारों की समाधि 47 10. जमीन से जुड़े सवाल 51 कहु सखि साजन नहिं महँगाई 11. सरकार वही, जो दर्द घटाए 57 12. कुरबानी का मौसम 61 13. तख्ता-पलट महँगाई 65 14. हमने कमाई महँगाई? 70 15. भरपूर भंडारों से निकली भूख 74 16. बोया पेड़ बबूल का 78 17. पड़ गई न आदत 82 यहु ठग ठगत सकल जग डोलै 18. अमावस की लक्ष्मी 89 19. कालिख का फंदा 94 20. हसन अली की जन्नत 98 21. भ्रष्टाचार का मुक्त बाजार 102 22. लूट के सरपरस्त 106 23. समृद्धि का अभिशाप 109 24. देनहार कोई और है 114 साँच कहो तो मारन धावै 25. बड़ी जिद्दी लड़ाई 121 26. घोटालों की रोशनी 126 27. पारदर्शिता का खौफ 130 28. परदा जो उठ गया 134 29. जागते रहो 138 30. झूठ के पाँव 142 संतो, देखत जग बौराना 31. यूरोप करे दुनिया भरे 149 32. विश्व संकट का ग्रीक थिएटर 153 33. घट-घट में घाटा 157 34. यूरोप की महासेल 161 35. पछतावे की परियोजनाएँ 165 36. शायलॉकों से सौदेबाजी 170 37. महात्रासदी का ग्रीक कोरस 174 38. डूबे तो उबरेंगे 178 39. इतिहास से किसने सीखा 182 40. ये जो अमेरिका है 186 41. महाबली का महामर्ज 190 42. मुद्रास्फीति की महादशा 194 43. मुक्त बाजार का मर्सिया 197 44. यूरोप का खौफ खाता 201 45. हमको भी ले डूबे 204 46. इंस्पेक्टर राज इंटरनेशनल 208 47. ऊँटों के सिर पर पहाड़ 212 48. संकट मेड इन चाइना 216 49. डॉलर राज से बगावत 220 बुरा न मानो बजट है 50. बजट नहीं संकट 227 51. बजट का जनादेश 231 52. सरकार गारंटी योजना 235 53. सूझ कोषीय घाटा 238 54. गफलत का टैक्स 242 मैं कहता तू जागत रहियो 55. सियासत चुनेंगे या सरकार 249 56. नीतीश होने की मजबूरी 252 57. जादू के बाद 256 58. सियासत के सलीब 260 59. सरकारें हैं कि मानतीं नहीं 264 इस घट अंतर सात समंदर 60. आँकड़ों का अधिकार 271 61. सोने का क्या होना है? 275 62. ग्रोथ पर हमला 279 63. आतंक का अकाउंट 283 64. गरीबी बनाम गरमी 287 मन मस्त हुआ अब 65. आन
"Inspiring stories and practical insights challenge readers to live a life of everyday greatness. Best-selling author Stephen Covey and ""Reader's Digest"" have joined forces to produce an extraordinary volume of inspiration, insight, and motivation to live a life of character and contribution.
क्या आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सुना है? जरूर सुना होगा, लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि वह क्]या है तो क्या आप बता सकेंगे ? यह पुस्तक पढ़िए और आत्मविश्वास के साथ न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बल्कि दर्जनों दूसरी आधुनिक तकनीकों को जानिए-समझिए प्रसिद्ध तकनीकविद्] बालेन्दु शर्मा दाधीच की प्रस्तुत पुस्तक प्रौद्योगिकी के नए, महत्त्वपूर्ण तथा अनूठे पहलुओं, अवधारणाओं तथा घटनाक्रमों से आम हिंदी पाठक को परिचित कराने के लिए लिखी गई है ।इसकी भाषा विज्ञान और तकनीक पर लिखी जानेवाली दूसरी पुस्तकों की तरह दुरूह या जटिल नहीं है, बल्कि वैसी ही है, जैसी कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में बोलते-लिखते हैं ।पुस्तक में उन नवीनतम तकनीकों का वर्णन है, जिनके बारे में अकसर हमारे मन में सवाल तो उठते हैं, लेकिन जवाब नहीं मिलते, जैसे-मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, 3डी प्रिंटिंग या हाइपरलूप। इसके अध्यायों को पढ़ते हुए आप स्वयं को एक सहज-सरल-सरस यात्रा पर पाएंगे और एक- एक कर तमाम अवधारणाओं से परिचित होते चले जाएँगे।आप भले ही इसे अपने खाली समय का आनंद लेने के लिए पढ़ें, लेकिन कहीं-न-कहीं यह पुस्तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ आपका रिश्ता जोड़ती है और वही लेखक का उद्देश्य भी है। यह पुस्तक विद्यार्थियों और अन्वेषकों के साथ-साथ सामान्य पाठकों के लिए भी रुचिकर तथा उपयोगी है।
प्रत्येक युग में राष्ट्र का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कुलीन अपनी शक्ति एवं प्रतिष्ठा को संरक्षित करते हुए अपने इस महान्] विचार के प्रतिपादन द्वारा कि वह उसका प्रभुत्व सुनिश्चित करने तथा उसे कार्यान्वित करने में सक्षम है, परिवर्तन को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। ब्रिटिश साम्राज्य का संचालन उसी सिद्धांत के आधार पर किया गया था। अपने विचारों को प्रधानता के बल पर अजनबियों की एक छोटी सी संख्या ने इतने बड़े साम्राज्य का संचालन किया, जिसे बहुसंख्यकों ने स्वीकार किया। स्वाधीनता- प्राप्ति के पश्चात्] गणतंत्र के निर्माताओं ने एक संविधान लिखा, जिसने राष्ट्र को सत्ता के कुलीनों को आर्थिक विशेषाधिकार के पदों पर बने रहने हेतु समर्थ बनाया, जबकि संविधान में सभी को समान स्तर प्रदान किया गया था। लोकतंत्र, समानता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता के विचार नए थे और समय के साथ उनका तालमेल भी था; परंतु उनका कार्यान्वयन इस प्रकार से हुआ, मानो वह सत्ता एवं विशेषाधिकारों के मौजूदा संबंधों को संरक्षित करनेवाला हो। --इसी पुस्तक से भारतवर्ष में सत्ता, उसके प्रभाव, उसके सरोकार, उसके दुरुपयोग और समाज पर उसके प्रभावों का एक व्यावहारिक चिंतन प्रस्तुत करती है यह विचारप्रधान पुस्तक.
रेलवे के साथ काम कर चुके उच्च विचारों वाले जिज्ञासु सुनील गुप्ता ने जब तिहाड़ में नई जिम्मेदारी सँभाली तब एक परिचित व्यक्ति उनकी मदद कर रहा था। वहाँ से जाते समय उन्हें यह एहसास हुआ कि वह बेहद शातिर अपराधी और विकृत मानसिकता वाला चार्ल्स शोभराज था, जो उस जेल का स्टार था, जहाँ धोखेबाजों की तूती बोलती थी। गुप्ता भी एक तरह से उम्र कैदी थे, जिन्होंने एक ऐसी जगह में तीन दशक से ज्यादा समय बिताया। जहाँ पिटाई करना ही रोजी-रोटी थी और अधिकार माँगनेवाले पीड़ितों की हड़ताल नाश्ते की तरह थी। यह पुस्तक कई खुलासे करती है, बताती है कि एशिया की सबसे बड़ी जेल के भीतर जीवन कैसा है ? क्या होता है जब किसी को फाँसी दे दी जाती है, मगर दो घंटे बाद भी उसकी नब्ज थमती नहीं ? क्या निर्भया के बलात्कारी राम सिंह ने खुदकुशी की थी, या उसकी हत्या की गई थी ? पहली बार हम जेल के भीतर के व्यक्ति से सनसनीखेज बातों को जानते हैं, जिसने वहाँ जो कुछ देखा उस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। बेहद खराब फैसलों का शिकार होनेवालों से लेकर भारतीय इतिहास के कुख्यात लोगों तक, गुमनाम से लेकर सबसे अधिक सजा पानेवाले इस उपमहाद्वीप के अपराधियों तक, शोभराज से लेकर अफजल गुरु तक, दोषी और फँसाए गए लोग कैसे जिए और मरे। पुरस्कृत पत्रकार सुनेत्रा चौधरी ने सबसे गुप्त संस्थानों में से एक में बिताए गए एक असाधारण जीवन को कलमबंद किया है। भारत की न्याय और आपराधिक न्याय प्रणाली के अनजाने, सबसे दिलचस्प और सहज-सरल वर्णन के लिए "ब्लैक बॉरंट' को पढ़ें, जो रहस्यों और आश्चर्यों से भरी पुस्तक है।
War is a multi-narrative exposition of the collective experience of the wealthy, the poor, the soldiers and the strong. This is that story. Amidst the ravages of war, where pain, loss and uncertainty haunt every step, fear grips hearts, and love blossoms even in the darkest shadows, "The Ordeal" weaves a fabric of human resilience and vulnerability. Follow diverse characters as they recount their experiences navigating the harrowing realities of conflict, each experiencing their unique journey through the chaos. From the resolute soldiers on the frontlines and civilians struggling to cope to politicians and warlords, this poignant multi-narrative tale will grip your soul. Experience the emotions and philosophies that bind them together, the sacrifices they make, and the hope that keeps the gears churning as in the face of adversity, bonds are forged, and the strength of humanity thrives. The novel paints a vivid portrait of courage and compassion, reminding us of the indomitable will to endure and the power of love even amid the harshest trials. "The Ordeal" is more than a story; it is an odyssey through the depths of the human heart. This is that story - a testament to the resilience of the human spirit and the enduring power of love and hope in the most trying of circumstances.
Political writings of Gerald Desmond.Obscure and long forgotten writings of Gerald Desmond, lecturer and writer, who under the cloak actually were Chicago bookseller Arthur Desmond (1859-1929), author of Might is Right, 1896, writing as "Ragnar Redbeard." These two books The Struggle for Existence, and The State and Government, were first published by The Socialist Party of Canada, 1911.
An empirical manuscript encompassing diverse disciplines, The Sovereign is Dr Panday's magnum opus: it is a carefully-wrought narrative that aims to concretise his aspiration to elevate Indian society and lead the country towards a better tomorrow. Traversing the domains of political theory, philosophy, sociology, and more, this book is a panoptic one-stop shop to help the common people of India arm themselves with the fundamentals of the discipline of politics. From an account of the ancient Egyptian civilisation, to an exposition of democracy in the contemporary era; from Plato's The Republic and Aristotle's Politics, to feminism and the geopolitical globalisation of the twenty-first century, The Sovereign by Dr Kislay Panday is an all-pervasive narrative that not only recounts the political history of the world, but helps one understand how to utilise these learnings to engender social progress in real-time.
Atheist and Freethinker Ernest Pack presents an entertaining and enlightening journey into mental freedom. This collection (Mental Tonic) of works, including rare material from associates "The Man Without a Soul" Malfew Seklew, President of "The Society of Superites" and Truthseeker J. W. Gott, will open your eyes and challenge your beliefs. Reading Atheist and Freethinker Ernest Pack will: - Show you how to laugh (perhaps at your own religion)- Provide you with a deep understanding of religious history, theology and mental freedom in an entertaining, accessible way- Transform your life and lead you to a place of greater knowledgeThis book includes: Comprehensive knowledge of religious history and theology, wit and wickednessInsightful jokes to make learning funRare material from "Moses," to "War.""God" on a...Don't miss out on this amazing opportunity to take your knowledge of mental freedom to the next level. Buy Atheist and Freethinker Ernest Pack now before the price changes!
भारतीय सेना के प्रशंसकों के लिए सर्वोत्तम और पठनीय पुस्तक। क्या आपने कभी सोचा है कि एक सैनिक का जीवन कैसा होता है? 'भारत के जाँबाज' भारतीय सेना के सबसे जाने-माने अधिकारियों में से एक की ओर से किया गया बेहद अनूठा वर्णन है। पुस्तक में जान की बाजी लगानेवाले अभियानों और साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक की हैरतअंगेज कहानियाँ हैं। जंग लड़नेवाले सैनिक कितने कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं; एल.ओ.सी. पर जीवन कैसा होता है, और कैसे होते हैं वे जवान, जो अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं-इनका अत्यंत प्रेरक और रोचक विवरण इस पुस्तक में प्रस्तुत है। इस पुस्तक में आप भारतीय सेना और हमारे शूरवीर जवानों को इतना करीब से देखेंगे जितना पहले कभी नहीं देखा होगा। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, अप्रतिम त्याग-समर्पण और अद्भुत जिजीविषा का सजीव वर्णन करती पुस्तक, जो हर भारतीय को राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरित करेगी।
यह पुस्तक हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण है। भाषा प्रयोग की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई वाक्य होते हैं। किसी भाषा पर अधिकार के लिए उस भाषा के विविध प्रकार के वाक्यों के गठन के आधारभूत अंतर्निहित नियमों को सम्यक् रूप में समझना आवश्यक है। इस पुस्तक में हिंदी में प्रचलित सभी प्रकार के वाक्यों के गठन के आधारभूत नियमों का विभिन्न प्रकार से विवेचन-विश्लेषण कर उन्हें अधिकाधिक बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है। साथ ही प्रत्येक वाक्य साँचों पर आधारित प्रचुर उदाहरण वाक्य दिए गए हैं, ताकि प्रशिक्षार्थी उन वाक्यों को बार-बार पढें, बोलें, समझें, लिखें एवं उन्हें अपने भाषा-संस्कार का अंग बना लेने का प्रयास करें। समस्त सामग्री हिंदी-अंग्रेजी दोनों में दी गई है, इसलिए यह पुस्तक निश्चित रूप से प्रशिक्षार्थियों में हिंदी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा की वाक्य संरचनाओं की तुलनात्मक समझ विकसित करने में भी सहायक होगी। इस पुस्तक का उद्देश्य हिंदी के सभी वाक्य साँचों पर आधारित अधिक-से-अधिक वाक्यों का अभ्यास कराना है। इसलिए इस पुस्तक में भाषा ज्ञान या व्याकरण के अन्य आधारभूत पहलू, यथा-वर्णमाला, ध्वनि, उच्चारण, अक्षर, संयुक्ताक्षर, बलाघात, संगम, अनुतान, शब्द-भेद, लिंग, वचन, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, संयुक्त क्रिया, संज्ञार्थक क्रिया, कृदंत आदि सम्मिलित नहीं किए गए हैं। उनके लिए लेखक की 'अद्यतन हिंदी व्याकरण' नामक दूसरी पुस्तक देखी जा सकती है।
Super E: The Inflation Smackdown is not just another children's book; it's an engaging and informative journey that demystifies the concept of inflation. The story revolves around CHICHI, a young girl eager to learn about economics, and her friends - RUKKY, FOLA, SADIQ, and more- and Super E, a superhero economist who makes complex economic ideas simple and relatable to children. Through relatable scenarios, young readers discover the impact of inflation on their everyday lives and learn valuable lessons about making informed financial decisions. "Super E: The Inflation Smackdown" empowers young readers to become financially savvy and responsible.
8-year-old Mia picks a random bottle that has been washed ashore at the beach. And wonder of wonders, out of it comes a Genie. This is their story. The story of their unlikely friendship, and their adventure in Root-Land. It's the land of the Little People, and their amazing magical Sun. Come with Mia and her Genie, as they go on this adventure, to magical lands with magical creatures.
લોકતંત્રનું ગળું ઘોંટી દેવા તત્કાલીન વડાપ્રધાન ઇંદિરા ગાંધીએ દેશમાં કટોકટી લાદી હતી. લોકતંત્રની રક્ષા અને કટોકટી સામેની લડતમાં ગુજરાત હંમેશાં મોખરે રહ્યું. આ સંઘર્ષના અગ્રેસર કાર્યશીલોમાંના એક શ્રી નરેન્દ્ર મોદીએ પોતે લોકશાહીની લડત અને તેના અંતિમ વિજયની ગાથા આ પુસ્તકમાં આલેખી છે. કટોકટી કેવી રીતે આવી એ વિશે ઘણું લખાય છે, પરંતુ કટોકટી ગઈ કેવી રીતે એ વિશે ખાસ કંઈ જ લખાયું નથી. આ વિચારમાંથી જ આ પુસ્તકનો જન્મ થયો. કટોકટી પછી ચૂંટણીઓ આવી અને જનતા પક્ષ વિજયી થયો તે નર્યો ચમત્કાર માત્ર હતો? ચૂંટણીઓ દ્વારા થયેલ ક્રાંતિકારી પરિવર્તન એ અચાનક જ આવી મળેલી સફળતા છે એવો પણ એક મત પ્રચલિત થયો છે. પણ વાસ્તવમાં નિશ્ચિત પરિણામો પ્રાપ્ત કરવા ૨૦ માસ સુધી લગાતાર સુનિયોજિત સંઘર્ષ કરવો પડ્યો છે અને તે સંઘર્ષનાં કેટલાં-કેવાં વિવિધ સૂક્ષ્મ, જ્ઞાત-અજ્ઞાત ક્ષેત્રો હતાં તેની પણ એક ભવ્ય ગાથા છે. આઝાદીની પહેલી લડાઈ કરતાં લોકશાહીના રક્ષણ માટેની આ આ બીજી લડાઈનું મૂલ્ય આ રીતે જરાય ઓછું નથી. અને તેમાં ગુજરાત પણ પ્રારંભથી લડતું રહ્યું છે. તેની ગાથા આ પુસ્તકમાં છે
Parece um audaz atrevimento dizer para seres tão complexos como nós seres humanos, como funcionamos; mais o processo é extremamente simples, o que gera a complexidade é, a multiplicidade e o entrelaçamento desse processo.Após anos de pesquisas, muitos livros, vídeos, palestras..., cheguei a um entendimento claro e bem especifico, sobre a forma de como nós funcionamos, e entendendo a importância dessas descobertas, resolvi escrever esse livro para compartilhar com o maior número de pessoas.Quanto mais se conhece alguma coisa melhor podemos usufruir dela, pense em uma situação onde um senhor que não entende de tecnologia e mora em um lugar remoto, ganha de presente um celular de última geração, provavelmente esse celular apesar de ser uma máquina espetacular de tecnologia de ponta, vai se tornar uma peça de decoração de alguma mesa ou algum armário, pois ao não se conhecer o que se tem, simplesmente não conseguimos aproveitar, então quanto mais sabemos como funcionamos melhor vamos aproveitar. Convido vocês a descobrirem nas páginas desse livro esse simples processo e assim desfrutar de uma maneira espetacular essa experiência maravilhosa que chamamos vida!!
Tauche ein in die magische Welt von "Mambo-Kaninchen Der Eroberer", einem fesselnden Märchen, das in einem wunderschön illustrierten Taschenbuch zum Leben erweckt wird. Folge den farbenfrohen Abenteuern von Mambo, einem quirligen Mini-Lop-Hasen mit hängenden Ohren, während er sich auf eine Winterreise begibt, um einen verschneiten Berggipfel zu bezwingen.Diese bezaubernde Bilderbuchgeschichte, perfekt für Kinder im Alter von 3 bis 10 Jahren, stellt Mambo als den fröhlichen Protagonisten einer Geschichte vor, die jugendlichen Abenteuergeist mit wertvollen Lebenslektionen verbindet. Das Softcover-Buch ist mit lebendigen Bildern verziert, die Kleinkinder, Anfänger und früh Lesende gleichermaßen begeistern und es zu einem idealen Begleiter für die Schlafenszeit oder Familienausflüge machen.Während Mambo durch die verschneite Landschaft navigiert und auf wilde Hasen und einen Wolf trifft, webt das Buch eine herzerwärmende Geschichte von Ausdauer und Freude an der Entdeckung. Die Liebenswürdigkeit von Mambo, dem abenteuerlustigen Hasen, spiegelt sich auf den Seiten wider und fesselt die Vorstellungskraft von Enkeln, Enkelinnen, Mädchen und Jungen.Das Winterabenteuer des Mini-Lop-Hasen ist nicht nur eine Geschichte; es ist eine Feier, die es zu einem ausgezeichneten Geschenk für Geburtstage und Feiertage macht. Die charmante Erzählung ist auf Kinder im Alter von 3 bis 10 Jahren zugeschnitten und schafft eine magische Leseerfahrung für jedes Kind, das darauf brennt, sich Mambo auf seiner Eroberung des Berges anzuschließen.Mambo-Kaninchen Reise, erfüllt von jugendlichem Überschwang, weckt die Neugierde für Tiere und die Wunder der Natur. Die fesselnde Handlung und die bunten Illustrationen machen dieses Buch zu einer idealen Wahl für früh Lesende und bieten eine altersgerechte und freudige Einführung in die Welt der Literatur.Mit Mambo-Kaninchen als ihrem Führer werden Kinder die Magie von Ausdauer, die Aufregung der Entdeckung und die Wärme der Familie entdecken. Egal, ob sie sich beim Zubettgehen einkuscheln oder ein Abenteuer auf der Straße genießen, verspricht "Mambo-Kaninchen Der Eroberer", eine geschätzte Ergänzung zu jeder Kinderbibliothek zu sein. Also schnapp dir ein Exemplar, mach dich auf diese bezaubernde Reise und lass Mambo's Lachen und winterliche Abenteuer bleibende Erinnerungen für die ganze Familie schaffen.
क्रांतिवीर भगत सिंह का नाम सुनते ही माँ भारती के एक ऐसे वीर सपूत की तसवीर सामने आ जाती है, जो मात्र 23 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए फाँसी के फंदे पर झूल गए। हुतात्मा भगत सिंह ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें हिला दी थीं। उनकी दृढ़ता, देशभक्ति, आत्मार्पण, संकल्पशीलता अनुकरणीय और अद्भुत थी। वे सदा हम भारतीयों को प्रेरित करते रहेंगे। उनका बलिदान, उनके विचार, उनकी ऊर्जा हमारे मन-मस्तिष्क को सदा भारतवर्ष के लिए समर्पित रहने के लिए बल देती रहेगी। भगत सिंह बहुपठित और अध्ययनशील क्रांतिकारी थे। उनकी दूरदर्शिता और तेजस्विता का ही परिणाम था कि लाखों युवा भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्त करवाने के लिए स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। शहीद भगत सिंह के जीवन पर अत्यंत प्रामाणिक एवं पठनीय पुस्तक, जो उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर फाँसी के फंदे को चूमने तक के संघर्षशील और त्यागमय जीवन की झलक दिखाती है। इसे पढ़कर हर पाठक के मन में भाव उठेंगे-- 'मेरा रंग दे बसंती चोला '।
काशी ज्ञान की शलाका है और बनारस औघड़ों का ठहाका है। काशी रहस्यों की गहराई है, बनारस किस्सों की ठंडाई है। काशी दिव्य है, बनारस भव्य है। काशी प्रणम्य है, बनारस रम्य है काशी मुक्ति है, विरक्ति है; लेकिन बनारस हेमंतजी की परम आसक्ति है। यदि काशी में बनारस की तलाश है तो "देखो हमरी काशी ' की उँगली पकड़िए'''रस-ही- रस। गद्य में पद्य का रस, राग और लय का आनंद इस पुस्तक की हर कथा की प्रत्येक पंक्ति में है। इन कथाओं में तथ्य, तर्क और भाव-प्रवाह भरपूर है। जैसा रस "बैताल पचीसी' की कथाओं में है कि उन्हें कोई सामान्य पाठक भी पढ़े तो उसका मनोरंजन होगा। कोई समझदार व्यक्ति पढ़े तो उसे जहाँ ज्ञान प्राप्त होगा, वहीं उसे जीवन जीने का मार्ग भी मिल सकता है। यही बात हेमंतजी की इन कथाओं में है । इसमें ऐसे पात्र हैं, जो हेमंतजी के या हमारे-आपके अपने रोजमर्रा के जीवन के ताने-बाने में गुँथे हुए हैं । वे इतने अभिन्न हैं कि उन्हें अलग-अलग देखना संभव नहीं हो पाता । यह पुस्तक संस्मरण विधा में एक नवोन्मेष है। यह संस्मरण काशी की संस्कृति और बनारसी जीवन का रंगमंच प्रतीत होता है। इसमें वर्णित व्यक्तियों के जरिए काशी की संस्कृति, परंपरा और जीवनधारा की खोज की गई है। जो सदियों से सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन के अपरिहार्य अंग रहे हैं । ऐसे लोगों को केंद्र में रखकर कथा बुनी गई है । इस पुस्तक के पात्र चाहे जो हों, वे सामाजिक जीवन में साधारण भले माने जाते हों, पर कथा में वे असाधारण हैं ।
Some commentators opine that Thirukkural is inspired by Vedic religious texts, hails the Dharmasastras and draws ideas from Bhagavad Gita. However, we find, after a study of Thirukkural, that it is antithetical to the Sastras.This book studies Thirukkural systematically by exploring the interlinkages within the larger text and shows how the work is misinterpreted by some commentators in order to force-fit its ideas to those of the Sastras. Our study reveals the uniqueness of Thirukkural and the beauty and unity of its ideas across many dimensions. It is a work that towers above religious parochialism and rituals. Thirukkural encourages the reader to question claims made by those in authority, empathize with the downtrodden, practice charity, use the power of reason, and grow into a model citizen by building character.
वर्ष 1932 में जब सारदेंदु बंद्योपाध्याय ने डिटेक्टिव फिक्शन में अपना हाथ आजमाने का फैसला किया, जिसे बंगाल की साहित्यिक दुनिया में उस समय तुच्छ समझकर हेय दृष्टि से देखा गया, तब उन्होंने सोचा नहीं था कि एक दिन ब्योमकेश बख्शी बांग्ला साहित्य के सबसे लोकप्रिय और लंबे समय तक मशहूर रहनेवाले किरदारों में से एक बना जाएगा। भले ही इसे कॉनन डॉयल के होम्स और चेस्टरटन के फादर ब्राउन की तर्ज पर गढ़ा गया है, ब्योमकेश के छानबीन का अपना ही अंदाज है, जो पेशे से नहीं बल्कि अपने शौक से डिटेक्टिव हैं, और कई पीढि़याँ उसके पाठकों में शामिल हैं। सभी कहानियाँ पचास और साठ के दशक के कलकत्ता की पृष्ठभूमि की हैं। प्रस्तुत संग्रह चार अनसुलझी गुत्थियों को सामने लाता है, जो इस डिटेक्टिव की बौद्धिक चुस्ती की जबरदस्त परीक्षा लेती हैं। 'द मेनाजरी' (दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने 1967 में इस कहानी पर 'चिडि़याखाना' फिल्म बनाई थी) में ब्योमकेशजी ने एक विचित्र केस सुलझाया था, जिसमें मोटर के टूटे हुए पुरजे थे, स्वाभाविक सी लगने वाली मौत थी, और गोलाप कॉलोनी के विचित्र निवासी थे, जो अपने दागदार अतीत को छिपाने के लिए कुछ भी करने की क्षमता रखते थे। 'द ज्वेल' केस में वह रहस्यमयी ढंग से गायब हुए बेशकीमती हार की पड़ताल करते हैं, जबकि 'द विल दैट वैनिश्ड' में वे एक जिगरी दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करने को लेकर चक्कर में डाल देनेवाली पहेली को सुलझाते हैं।
All children are fascinated by this book and adore the illustrations. This book is a compilation of short stories that Saksham, a 9-year-old self-learned writer, created out of his imagination. Each tale concludes with a moral message. Enjoy your reading journey.
जाँच करने पर खिड़की की चौखट पर खून के कुछ धब्बे नजर आए और बेडरूम के लकड़ीवाले फर्श पर खून की बूँदें इधर-उधर गिरी मिलीं। सामनेवाले कमरे का परदा हटाने के बाद मि. क्लेयर का कोट छोड़कर बाकी उनके सारे कपड़े मिले। जूते, मोजे, हैट और घड़ी सब वहाँ मौजूद थे। उनके कपड़ों पर हिंसा का कोई निशान नहीं था और इसके अतिरिक्त मि. क्लेयर की कोई निशानी वहाँ नहीं थी। मेरी जिंदगी मुझे वापस दो। मैं तुम्हारे साथ अब एक पल भी साँस नहीं ले सकती! तुम कायर हो, तुम कायर हो! उनके बीच टुकड़ों में होनेवाली बातचीत कर्नल की भयानक चीख के साथ अचानक बंद हो गई और उसके साथ ही महिला भी अचानक बेहोश होकर खामोश हो गई। किसी अनहोनी की आशंका से गाड़ीवान दरवाजे की ओर दौड़ा और उसे जोर लगाकर खोलने की कोशिश की, परंतु वह अंदर जा पाने में विफल रहा। दोनों नौकरानियाँ भी डर से थर-थर काँप रही थीं, इसलिए वे भी उसकी कोई सहायता नहीं कर सकीं।
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