Utvidet returrett til 31. januar 2025

वो तो नही

av , , , , , , , , ,
Om वो तो नही

क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!

Vis mer
  • Språk:
  • Engelsk
  • ISBN:
  • 9789388930987
  • Bindende:
  • Paperback
  • Sider:
  • 198
  • Utgitt:
  • 4. august 2019
  • Dimensjoner:
  • 229x152x11 mm.
  • Vekt:
  • 295 g.
  • BLACK NOVEMBER
Leveringstid: 2-4 uker
Forventet levering: 18. desember 2024

Beskrivelse av वो तो नही

क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!

Brukervurderinger av वो तो नही



Finn lignende bøker
Boken वो तो नही finnes i følgende kategorier:

Gjør som tusenvis av andre bokelskere

Abonner på vårt nyhetsbrev og få rabatter og inspirasjon til din neste leseopplevelse.