Utvidet returrett til 31. januar 2025

सर्जना

- (खण्डकाव्य)

Om सर्जना

कविता कवि के मन की उन्मुक्त उड़ान का दूसरा नाम है । हृदय में उद्भूत होने वाली सुकोमल भावनाएँ काव्य कला के वस्त्रों से सज्जित व अलंकृत होने के बाद जब वह पन्नों पर इठलाती, मचलती हैं तब सहृदय पाठक स्वयं उसे आत्मसात करने के लिये आतुर हो उठता है । ऐसी ही मधुर काव्य धारा है प्रस्तुत खण्डकाव्य जो जीवन के विभिन्न रूपों को कमनीय कलेवर पहना कर प्रस्तुत करता है । कभी यह मन को आह्लादित कर देती है तो कभी आँसुओं को आंखों में झिलमिलाने के लिये विवश कर देती है । संसार की विरूपताओं को भुला कर आइये हम इस काव्य - सरिता में डुबकी लगा कर पुनः नयी स्फूर्ति के साथ जीवन संघर्ष के लिये तैयार हो जाएं ।

Vis mer
  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789354584039
  • Bindende:
  • Paperback
  • Utgitt:
  • 3. september 2021
  • Dimensjoner:
  • 127x203x9 mm.
  • Vekt:
  • 168 g.
  • BLACK NOVEMBER
Leveringstid: 2-4 uker
Forventet levering: 19. desember 2024

Beskrivelse av सर्जना

कविता कवि के मन की उन्मुक्त उड़ान का दूसरा नाम है । हृदय में उद्भूत होने वाली सुकोमल भावनाएँ काव्य कला के वस्त्रों से सज्जित व अलंकृत होने के बाद जब वह पन्नों पर इठलाती, मचलती हैं तब सहृदय पाठक स्वयं उसे आत्मसात करने के लिये आतुर हो उठता है । ऐसी ही मधुर काव्य धारा है प्रस्तुत खण्डकाव्य जो जीवन के विभिन्न रूपों को कमनीय कलेवर पहना कर प्रस्तुत करता है । कभी यह मन को आह्लादित कर देती है तो कभी आँसुओं को आंखों में झिलमिलाने के लिये विवश कर देती है । संसार की विरूपताओं को भुला कर आइये हम इस काव्य - सरिता में डुबकी लगा कर पुनः नयी स्फूर्ति के साथ जीवन संघर्ष के लिये तैयार हो जाएं ।

Brukervurderinger av सर्जना



Finn lignende bøker
Boken सर्जना finnes i følgende kategorier:

Gjør som tusenvis av andre bokelskere

Abonner på vårt nyhetsbrev og få rabatter og inspirasjon til din neste leseopplevelse.