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मंडल कमीशन

Om मंडल कमीशन

भारतीय समाज और राजनीति को जिन घटनाओं ने सबसे ज्यादा बदला, उनमें मंडल कमीशन की रिपोर्ट का स्थान बहुत ऊपर है. भारत में आज़ादी के बाद के इतिहास को मंडल कमीशन के पहले का भारत और मंडल कमीशन के बाद का भारत जैसे कालखंडों में बांटा जा सकता है. यह आश्चर्यजनक है कि जिस रिपोर्ट का इतना असर है, उसे बहुत कम लोगों ने पढ़ा है. यह रिपोर्ट सरकारी दफ्तरों में सिमटकर रह गई. इस रिपोर्ट का सरकार ने हिंदी में अनुवाद तो कराया, लेकिन उसकी भाषा इतनी सरकारी और कठिन है, कि उसे पढ़ना और समझना मुश्किल है. यह किताब उसी कमी को पूरा करने की कोशिश है. इस किताब को पढ़ने से ही पता चलेगा कि मंडल कमीशन की अब तक सिर्फ दो सिफारिश लागू हुई हैं. 38 सिफारिशें लागू नहीं हुई हैं. आपको पता होना चाहिए कि वे 38 सिफारिशें कौन सी हैं. इस किताब से आपको पता चलेगा कि OBC को भी प्रमोशन में आरक्षण और निजी क्षेत्र में आरक्षण की सिफारिश मंडल कमीशन ने की थी, जिसे कभी लागू नहीं किया गया. यह किताब बताएगी कि मंडल कमीशन ने यह कहा था कि भारत में जातिवार जनगणना होनी चाहिए ताकि नीतियों को आंकड़ों और तथ्यों का आधार मिल सके.//देश के हर नागरिक के लिए एक बेहद जरूरी किताब. - दिलीप मंडल

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789380118628
  • Bindende:
  • Paperback
  • Sider:
  • 246
  • Utgitt:
  • 1 mars 2020
  • Dimensjoner:
  • 216x140x14 mm.
  • Vekt:
  • 318 g.
Leveringstid: 2-4 uker
Forventet levering: 22 oktober 2024

Beskrivelse av मंडल कमीशन

भारतीय समाज और राजनीति को जिन घटनाओं ने सबसे ज्यादा बदला, उनमें मंडल कमीशन की रिपोर्ट का स्थान बहुत ऊपर है. भारत में आज़ादी के बाद के इतिहास को मंडल कमीशन के पहले का भारत और मंडल कमीशन के बाद का भारत जैसे कालखंडों में बांटा जा सकता है. यह आश्चर्यजनक है कि जिस रिपोर्ट का इतना असर है, उसे बहुत कम लोगों ने पढ़ा है. यह रिपोर्ट सरकारी दफ्तरों में सिमटकर रह गई. इस रिपोर्ट का सरकार ने हिंदी में अनुवाद तो कराया, लेकिन उसकी भाषा इतनी सरकारी और कठिन है, कि उसे पढ़ना और समझना मुश्किल है. यह किताब उसी कमी को पूरा करने की कोशिश है. इस किताब को पढ़ने से ही पता चलेगा कि मंडल कमीशन की अब तक सिर्फ दो सिफारिश लागू हुई हैं. 38 सिफारिशें लागू नहीं हुई हैं. आपको पता होना चाहिए कि वे 38 सिफारिशें कौन सी हैं. इस किताब से आपको पता चलेगा कि OBC को भी प्रमोशन में आरक्षण और निजी क्षेत्र में आरक्षण की सिफारिश मंडल कमीशन ने की थी, जिसे कभी लागू नहीं किया गया. यह किताब बताएगी कि मंडल कमीशन ने यह कहा था कि भारत में जातिवार जनगणना होनी चाहिए ताकि नीतियों को आंकड़ों और तथ्यों का आधार मिल सके.//देश के हर नागरिक के लिए एक बेहद जरूरी किताब. - दिलीप मंडल

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