Om Ek Prem Kahani Aisi Bhi
कभी-कभी प्यार महज आँखों का धोखा होता है। कभी-कभी यह आपकी जिंदगी का एकमात्र लक्ष्य बन जाता है। जब हर किसी पर यह बुखार चढ़ा है कि सोशल मीडिया पर क्या ट्रेंड कर रहा है, तब रघु किताबों में खोया है। उसके लिए तो प्यार करने का खयाल भी किताबों तक ही सिमटा है। फिर एक दिन उसकी मुलाकात रूही से होती है। करीब आ रहे छात्र-संगठन के चुनावों के दौरान उनका प्यार परवान चढ़ रहा था कि रघु एक ऐसी मुश्किल में फँस जाता है, जिससे निकलना उसके लिए असंभव सा हो जाता है। उसके जिगरी दोस्तों ने उसे बाहर निकालने का एक प्लान बनाया, लेकिन उसकी मुसीबत और बढ़ गई। क्या रघु सही-सलामत निकल पाएगा या कैंपस की राजनीति का तूफान उसे उड़ा ले जाएगा? सामाजिक-राजनीतिक दाँव-पेंच में उलझी पृष्ठभूमि पर आधारित सुदीप की यह नई पुस्तक रिश्तों के स्याह पहलू, सत्ता की भूख और रसूखदारों के पाखंड की परतें उधेड़ती है।
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