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इन ३ बेहद डरावनी कहानियोंमेसे पहेली कहानी का नाम है ""रेड वाइन"", जिसमें एक प्रेतात्माकी प्रेमकहानी है एक बेहद खूबसूरत लड़की असली गुलाबोसे बने गाउन को पहेनकर अमावस्याकी काली अंधेरी डरावनी रातमें एक रेड-वाइन की दुकान पर आती है और एक डरावनी प्रेतात्माकी प्रेम कहानी की शुरुआत होती है आगे पढिए इस किताबमें दूसरी कहानी है एक सौ करोड़ की एक बेहद कीमती पेंटिंग की जिसमे इस दुनियाँ के सबसे मशहूर चित्रकार गिलेलों की आत्मा है चित्रकार गिलेलोंको अपनी एक पेंटिंग 'डार्क नाइटस' से बेहद लगाव था गिलेलों के मरने के बाद उनकी आत्मा इस पेंटिंग में चली गयी और लोगोंको अपनी और खींचने लगी आगे की कहानी इस किताब में पढिए तीसरी कहानी है ""अमजोंन डिलीवरी बॉय"" की जिसके पास एक भूतिया पार्सेल आता है मोर के असली पंखों से बना गाउन डिलीवर करने कूरियर बॉय निखिल जब कोकिलाके घर पहोंचता है तब क्या होता है ये पढ़िए
कोविड-१९ ने दुनिया भर के बच्चों के जीवन पर असर किया है। सभी को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए वायरस के बारे में सीखना
अलबोर्ज़ अज़ार ने अपनी किताबों की श्रृंखला के पहले भाग, "किसने किया" को पन्त्तेआ (लाना) को समर्पित किया है। पन्त्तेआ (अज़ार कि एश्घम), जिसने कि लाना बन कर उसे अपने संस्मरण को लिखने की और दुनिया के साथ बांटने की प्रेरणा दी, जिसके बाद अज़ार ने मार्च २०१८ कि एक घटना के बाद इस कहानी को लिखना शुरू कर दिया। हालांकि, अज़ार को मालूम था कि उसे लाना कि उपस्तिथि को चकाचौंध से दूर रखना होगा, क्यूंकि उसे अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को निजी रखना पसंद था। मगर उसे लगा कि जो प्यार वह उसके लिए महसूस करता है, वह एक अविश्वसनीय घटना थी, जो कि काग़ज पर उतारने काबिल थी। एकलौती शक्स जिसे अलबोर्ज़ पन्त्तेआ से ऊपर रखता है, वह है उसकी बीवी रोज़हां यह किताब, पन्त्तेआ (इस वक़्त ४१ साल) और अलबोर्ज़ (इस वक़्त ६६ साल) कि असली कहानी से प्रेरित है। उनके इस सफर में, अलबोर्ज़ ने जाना कि पन्त्तेआ प्यार में विश्वास नहीं रखती है, फिर भी किसी तरह, उसने उसे यह सबक सिखा दिया कि वह जिसे प्यार समझता है, वह किसी की बिना किसी शर्त के परवाह करने जैसा नहीं हैजैसे जैसे उनका रिश्ता बढ़ता जाता है, पन्त्तेआ अलबोर्ज़ के लिए "प्यार" शब्द का इस्तेमाल करने लगती है। कम से कम, हफ्ते में एक बार वह कहती है की वह उससे प्यार करती है। मगर कुछ छिपाए राज़ उनके रिश्ते में दरार पैदा कर देते हैं, और जैसे ही अलबोर्ज़ को लगने लगता है कि सब कुछ सही है, पन्त्तेआ का किसी के साथ चल रहा अवैध संबंध सामने आ जाता है।
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इस किताब में शामिल चार लेखों को आप मॉडर्न ज़माने की दंतकथाओं की तरह पढ़ सकते हैं। ईव एंसलर अमेरिकन नाटककार और मशहूर दि वजाइना मोनोलॉग्स की लेखक ईव ने अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नारंगी बालों की गुत्थी बेहतरीन तरीके से सुलझाई है। दानिश हुसैन हिंदुस्तानी दास्तानगो, ऐक्टर और कवि दानिश ने सिर्फ़ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किस्से ही नहीं सुनाए बल्कि उसी बहाने संघ परिवार के दिनोंदिन बढ़ते अतिवादों का भी लेखा-जोखा पेश किया है। बुरहान सॉनमेज़ तुर्की उपन्यासकार बुरहान ने तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्रदोगान के भटकाव भरे पूरे राजनीतिक करियर का खाका दिया है। निनॉच्का रॉस्का फिलीपींस की स्त्रीवादी उपन्यासकार निनॉच्का ने दुतेर्ते की पुरुषवादी सत्ता विमर्श की पोल खोली है। इन लेखकों को 'तटस्थ' समझने की भूल बिल्कुल न करें। ये ऐसे विचारक, ऐसे जादुई लेखक और कारामाती कलाकार हैं जिन्हें शैतानी ताकतों, दुनिया के भविष्य और आने वाले कल को देखने की ख़ास नज़र मिली है। दुनिया का वर्तमान दर्दनाक है लेकिन भविष्य बेहद ज़रुरी। चार दमदार लेखक, चार ग्लोबल दबंग।
क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!
रोमियो आणि ज्युलियटमध्ये शेक्सपियर हिंसक जग निर्माण करतो, ज्यामध्ये दोन तरुण प्रेमात पडतात. त्यांच्या कुटुंबियांनी नकार दिला असे नाही; माँटॅग्यूज आणि कॅपुलेट्स रक्त संघर्षात गुंतलेले आहेत.या मृत्यूने भरलेल्या परिस्थितीत, प्रेमापासून पहिल्यांदाच प्रेयसीपर्यंत मृत्यूची शेवटची चळवळ होण्याची हालचाल जवळजवळ अपरिहार्य दिसते. आणि तरीही, एक विलक्षण जगात सेट केलेले हे नाटक तरुण प्रेमाची पंचांग बनली आहे. काही प्रमाणात त्याच्या उत्कृष्ट भाषेमुळे, प्रतिसाद देणे सोपे आहे जणू काय ते सर्व तरुण प्रेमीबद्दल आहेIn Romeo and Juliet Marathi, Shakespeare creates a violent world, in which two young people fall in love. It is not simply that their families disapprove; the Montagues and the Capulets are engaged in a blood feud.In this death-filled setting, the movement from love at first sight to the lovers'' final union in death seems almost inevitable. And yet, this play set in an extraordinary world has become the quintessential story of young love. In part because of its exquisite language, it is easy to respond as if it were about all young lovers
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