Utvidet returrett til 31. januar 2025

Ram Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan

Om Ram Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan

राम प्रसाद बिस्मिल को फाँसी व महावीर सिंह का बलिदान शताब्दियों की पराधीनता के बाद भारत के क्षितिज पर स्वतंत्रता का जो सूर्य चमका, वह अप्रतिम था। इस सूर्य की लालिमा में उन असंख्य देशभक्तों का लहू भी शामिल था, जिन्होंने अपना सर्वस्व क्रान्ति की बलिवेदी पर न्योछावर कर दिया। इन देशभक्तों में रामप्रसाद बिस्मिल का नाम अग्रगण्य है। संगठनकर्ता, शायर और क्रान्तिकारी के रूप में बिस्मिल का योगदान अतुलनीय है। 'काकोरी केस' में बिस्मिल को दोषी पाकर फिरंगियों ने उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया था। इस प्रकरण का दस्तावेजी विवरण प्रस्तुत पुस्तक को खास बनाता है। शहीद महावीर सिंह साहस व समर्पण की प्रतिमूर्ति थे। तत्कालीन अनेक क्रान्तिकारियों से उनके हार्दिक सम्बन्ध थे। इनका बलिदान ऐसी गाथा है, जिसे कोई भी देशभक्त नागरिक गर्व से बार-बार पढ़ना चाहेगा। पुस्तक पढ़ते समय रामप्रसाद बिस्मिल की ये पंक्तियाँ मन में गूँजती रहती हैंदृ सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़घए क़ातिल में है। एक संग्रहणीय पुस्तक।.

Vis mer
  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788126724017
  • Bindende:
  • Hardback
  • Sider:
  • 288
  • Utgitt:
  • 1. januar 2013
  • Dimensjoner:
  • 140x21x216 mm.
  • Vekt:
  • 513 g.
  • BLACK NOVEMBER
  Gratis frakt
Leveringstid: 2-4 uker
Forventet levering: 19. desember 2024

Beskrivelse av Ram Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan

राम प्रसाद बिस्मिल को फाँसी व महावीर सिंह का बलिदान शताब्दियों की पराधीनता के बाद भारत के क्षितिज पर स्वतंत्रता का जो सूर्य चमका, वह अप्रतिम था। इस सूर्य की लालिमा में उन असंख्य देशभक्तों का लहू भी शामिल था, जिन्होंने अपना सर्वस्व क्रान्ति की बलिवेदी पर न्योछावर कर दिया। इन देशभक्तों में रामप्रसाद बिस्मिल का नाम अग्रगण्य है। संगठनकर्ता, शायर और क्रान्तिकारी के रूप में बिस्मिल का योगदान अतुलनीय है। 'काकोरी केस' में बिस्मिल को दोषी पाकर फिरंगियों ने उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया था। इस प्रकरण का दस्तावेजी विवरण प्रस्तुत पुस्तक को खास बनाता है। शहीद महावीर सिंह साहस व समर्पण की प्रतिमूर्ति थे। तत्कालीन अनेक क्रान्तिकारियों से उनके हार्दिक सम्बन्ध थे। इनका बलिदान ऐसी गाथा है, जिसे कोई भी देशभक्त नागरिक गर्व से बार-बार पढ़ना चाहेगा। पुस्तक पढ़ते समय रामप्रसाद बिस्मिल की ये पंक्तियाँ मन में गूँजती रहती हैंदृ सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़घए क़ातिल में है। एक संग्रहणीय पुस्तक।.

Brukervurderinger av Ram Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan



Gjør som tusenvis av andre bokelskere

Abonner på vårt nyhetsbrev og få rabatter og inspirasjon til din neste leseopplevelse.